24 अप्रैल 2023 - 05:28
बज़्मे क़ुरआन का दूसरा दौर, मशहूर क़ारियों ने की बेहतरीन अंदाज़ में क़ुरआन की तिलावत। + तस्वीरें

बज़्मे क़ुरआन के दूसरे दौर में देश विदेश के आए हुए मशहूर क़ारियों ने अपने मनमोहक एवं सुरीली आवाज़ और अति सुन्दर लहजे में पवित्र कुरान करीम की तिलवात के प्रकाश से कार्यक्रम में उपस्थित श्रोताओं को आध्यात्मिक प्रकाश प्रदान करते हुए उनके मन को प्रसन्न कर दिया तथा सभी श्रोताओं ने मंत्रमुग्ध हो के उक्त पाठ का आनंद उठाया |

लखनऊ 20 अप्रैल | विलायत टीवी, रियाज़ुल क़ुरआन , मदरसे तजवीदो क़िराअत , तंज़ील अकादमी, ऐनुल हयात ट्रस्ट , हैदरी एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी, हुदा मिशन , इदारा इस्लाह , इलाही घराना , फलाहुल मोमिनीन ट्रस्ट, वली उल अस्र अकादमी , मदरसा जामातुज़ ज़ेहरा द्वारा संयुक्त रूप से 20 अप्रैल को जामा मस्जिद तहसीनगंज चौक लखनऊ में रात्रि 9.15 बजे से बज़्मे क़ुरआन का आयोजन किया गया | जिसमे ईरान से आये क़ारी जाफर फल्लाह साहब के अलावा क़ारी बदरुद्दुजा साहब ( उस्ताद , फ़ुरक़ानिया मदरसा ) , क़ारी कौसर अली साहब ( उस्ताद जामातुज़ सक़लैन , सुल्तानपुर ), क़ारी मोहम्मद ज़ुबैर रहमानी साहब( मोहतमिम मदरसा बेहरुल उलूम , लखनऊ ) , क़ारी अब्दुल वहब शकुरी नदवी साहब और क़ारी फरमान हैदर साहब ने अपने मनमोहक एवं सुरीली आवाज़ और अति सुन्दर लहजे में पवित्र कुरान करीम की तिलवात के प्रकाश से कार्यक्रम में उपस्थित श्रोताओं को आध्यात्मिक प्रकाश प्रदान करते हुए उनके मन को प्रसन्न कर दिया तथा सभी श्रोताओं ने मंत्रमुग्ध हो के उक्त पाठ का आनंद उठाया |

मंच का संचालन मौलाना हैदर अब्बास रिज़वी साहब ने किया। कार्यक्रम को विलायत कुरान के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया।

 कार्यक्रम में गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर अपनी रूचि का परिचय दिया। जिनमें मुख्य रूप से मौलाना मंज़र सादिक़ साहब , मौलाना हसनैन बाकरी साहब , मौलाना एहतिशाम रेज़ा साहब , मौलाना मुमताज़ जाफ़र साहब, मौलाना सक़लैन बाकरी साहब , मौलाना मुशाहिद आलम साहब और मौलाना फ़ाएज़ बाक़री साहब और अन्य सम्मानित व्यक्ति उपस्थित रहे | सभी श्रोताओं का मानना था की इस प्रकार के अधिक से अधिक आयोजन किये जाने की आवशकता है | उल्लेखीनय है की रमज़ान के पवित्र माह में पवित्र क़ुरान की तिलावत सामान्य दिनों से अधिक की जाती है एवं पवित्र क़ुरान की तिलावत का महत्व भी अत्यधिक बढ़ जाता है इस माह में मुसलमान कम से कम क़ुरान को पूरा पढ़ने का प्रयास करते हैं वही जो व्यक्ति क़ुरान को कंठस्त कर सुंदर अवं सुरीली आवाज़ के साथ इसकी तिलावत करते हैं उन्हें क़ारी कहा जाता है तथा उनकी क़ीरत को सुनने के लिए लोगों में विशेष रूचि देखने मिलती हैं।